इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-16)
पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि अवनी ...निहारिका जी से पूछ कर अपने कमरे में चली जाती है और ऋषभ उसके पीछे पीछे,
अब आगे ....
अवनी अब अपने रूम का डोर खोलती है और जाकर बेड पर बैठकर अपने हाथो से अपना चेहरा धक लेती है......वही थोड़ी देर बाद ऋषभ उसके कमरे की तरफ आता है और अवनी को ऐसे बैठे देखकर उसके पास जाकर पूछता है ,
ऋषभ - क्या हुआ आपको ?
(अवनी कोई जवाब नहीं देती है बस मुड़कर दूसरी तरफ हो जाती है वो न चाहते हुए भी वापस से पूछता है )
ऋषभ - आप परेशान है किसी बात से ?
(अवनी फिर से कुछ नहीं कहती है तो ऋषभ इस बार उसे अपनी तरफ मोड़ लेता है और उसके हाथो को फेस से हटाकर देखता है की अवनी रो रही तो वो हैरानी से कहता है ......)
ऋषभ - आप रो क्यों रही है ?
(तभी पीछे से कोई बोलता है ' आपकी हिम्मत कैसे हुई ?..ऋषभ आवाज सुन दरवाजे की तरफ देखता है पाता है की आनंद खड़ा है जो बहुत गुस्से में ही लग रहा है ,वो फिर अंदर आता है और कहता है )
आनंद -(ऋषभ से ) भाई आपकी हिम्मत कैसे हुई भाभी को रुलाने कि 😡...आप भाभी को प्यार करते है तो रुला कैसे सकते है ....मुझे ये उम्मीद नहीं थी आपसे ...
अवनी -(बीच में ) आनंद जी .......
आनंद - भाभी आप कुछ मत बोलिए ....मै कुछ भी सह सकता हूं पर आपकी आंखो मे आंसू नहीं
( वही ऋषभ ये सुन उसे देखता है और कुछ न कहकर ह वहां से चला जाता है तो अवनी कहती है )
अवनी - (झुंझलाकर ) देवर जी
आनंद - हां भाभी ...
अवनी - ऋषभ जी ने कुछ नहीं किया....उन्होंने मुझे नहीं रुलाया ...
आनंद -(हैरानी से ) फिर आप ....
अवनी - तबसे यही तो बताने के लिए तो आपको चुप करा रही थी कि वो तो .मुझे चिंता हो रही कि मेरे जाने के बाद परी और विवेक का क्या होगा वो अकेले वहां कैसे रहेंगे ?
आनंद - (शांति से ) भाभी... मॉम ने कहा है कि परी और विवेक हमारे साथ ही रहेंगे ।
अवनी - (खुश होकर ) थैंक्यू सो मच देवर जी ......पर मुझे अब जाना होगा
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(इतना कहकर वो रूम से बाहर निकल जाती है ऋषभ को खोजने लगती है ...वो कॉरिडोर के सभी कमरों में दूढ़ती है पर ऋषभ उसे कहीं नहीं मिलता है जिसकी वजह से वो लहंगा संभालकर धीरे कदमों से एक कमरे की ओर से गुजरने लगती है तो उसे निहारिका जी के कमरे से आवाज आती है जिसे सुन वो वहीं रुक जाती है और धीरे से थोड़ा डोर खोलकर देखती है कि अंदर रूम मे ऋषभ और अनंत जी बैठे हुए ....और दोनों कुछ बात कर रहे है तो उन्हे ऐसे देख अवनी वहां से जाने के लिए आगे बढ़ जाती है पर जब अपना नाम अनंत जी के मुंह से सुनती है तो वहीं रुक जाती है और अंदर अनंत जी कहते है ,)
अनंत जी - (ऋषभ से थोड़े सख्ती से ) तुम अवनी से प्यार करते हो ?
(ऋषभ कोई जवाब नहीं देता है )
अनंत जी - ये सब जो मैंने शादी में देखा वो क्या था ....मैंने हर पल देखा की तुम्हारी नजरे उसपर ही थी ...ऐसा लग रहा था की तुम उसे कितना पसंद करते हो ....कितनी केयर करते हो उसकी ...
ऋषभ -(गुस्से में ) तो किसी की केयर करना क्या गलत बात है ?
अनंत जी - हां गलत है ...अगर वो लड़की अवनी है तो ...(गुस्से में ही ) याद रखना ये शादी सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज उससे ज्यादा और कुछ नहीं ....
ऋषभ - (गुस्से में ही ) हां ये सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज है और आपने जो भी शादी में देखा वो सिर्फ नाटक था और कुछ भी नहीं ( उनकी तरफ देखकर ) बाकी आपसे पहले ही कहा था मैंने'... मेरी ज़िन्दगी के फैसले मैं खुद लूंगा आप नहीं ... (इतना कहकर ऋषभ चुप हो जाता है तो वही अनंत जी कहते है )
अनंत जी - याद रखना ये बात हमेशा कि ये सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज है वरना......
(वही बाहर अवनी जब ये बात सुनती है तो बिल्कुल शॉक हों जाती है , उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था की उसने कुछ सोचा ही क्यों उसके लिए .....उसे समझ नहीं आता कि वो क्या करे ..उसके सामने वो सभी खूबसूरत पल नजर आने लगते है जो उसने ऋषभ के साथ बिताए थे जिसकी वजह से अब वो बहुत रोना चाहती थी पर आंसुओ ने जैसा कसम खा ली हो कि हम नहीं बहेंगे....
............
दूसरी तरफ सब लोग विदाई की तैयारियों में जुट जाते है तभी आदि ... जाह्नवी से पूछता है ,
आदि -जाह्नवी ...अवनी कहा है ?
जाह्नवी - शायद अपने कमरे में होंगी..
आदि - अच्छा ठीक है .....
जाह्नवी - बुला दू क्या उन्हे ?
आदि - नहीं नहीं ..मै खुद ही चला जाता हूं.....
जाह्नवी;ठीक कहकर स्टॉल के पास चली जाती है जहा रेहान चाट खाने में लगा होता है तो उसे वहां देखकर कहता है ,
विराट - जाह्नवी.जल्दी आयिए आपके लिए चाट बनवाई है .......
जाह्नवी- एक मिनट..... मै टविंकि और आनंद को भी बुला लेती हूं
(फिर क्या उनके आने के बाद चारों स्टॉल के पास लगे टेबल पर बैठ जाते है और खाना शुरू कर देते.....बारी बारी से पनीर टिक्का , गोलगप्पे , चौमिन , चाट , छोले समोसे और आईसक्रीम सब कुछ खाने के बाद जाह्नवी अपनी नजरो चारो तरफ घुमाती है और कहती है ये सब लोग हमे घुर क्यों रहे ...
आनंद -( रसगुल्ले खाते हुए ) वो कुछ नहीं शायद आज तक मेरे जैसे हैंडसम को नहीं देखा होगा ना तभी देख रहे ....
रेहान - (हंसते हुए ) क्या बात बोल दिए मोटाभाई ...
आनंद - ए....छोटा भाई ...मै मोटा भाई कब हुआ...
जाह्नवी- (हंसते हुए ) ना तुम छोटा हो ना मोटा हो
दोनो के दोनों खोटा हो
आनंद -(हंसते हुए ) चुप हो जाओ छोटी
वरना खोल दूंगा चोटी
फिर कहूंगा मोटी 😂
क्योंकि हूं मै बड़ा नॉटी ......
रेहान - शांत शांत ..ये तुकबंदी बाद में कर लेना अब चलते है वरना मॉम जी ...सभी के सामने डंडा मारने में पीछे नहीं रहेंगी .......
(फिर चारो अंदर चले आते है की तभी जाह्नवी को एक औरत अपनी तरफ खींच लेती है आहर पूछती है ,
(तुम्हारी शादी हो गई है क्या )
जाह्नवी - (अर्थ को अपनी तरफ खींचती हुए कहती है )
ये है मेरा मुंडा
जो है सबसे बड़ा गुंडा 😅
और चलाते है हीरो होंडा
फ्रॉम गोंडा 😆
(वो औरत आंखे फाड़ फाड़ कर दोनों को देखने लगती है और वहां से चली जाती है )
अर्थ - ( हंसते हुए )ये क्या था ....
जाह्नवी- ही ही मुझे खुद नहीं पता
.......
उधर आदि ऊपर अवनी के रूम मे जाता है तो देखता है कि अवनी बालकनी में खड़ी है तो वो कहता
आदि - अवनी
अवनी - (आंसुओ को पोछते हुए ) हां भाई ...
आदि - ओह हो ..हमारी बहना अभी से रोना शुरू हो गई ...
अवनी -(मुस्कुराते हुए) अरे नहीं ..हम कहा रो... ...
आदि - अच्छा जी ...(अवनी के सर पर हाथ रखते हुए ) हमारी बहना को रोने की जरूरत नहीं .. तुम्हें पता है मै कितना ज्यादा खुश हुआ था उस दिन जब पता चला था कि मेरे ही दोस्त से मेरी अवनी कि शादी होगी ......
अवनी -हम्म मै भी बहुत खुश ...
आदि - वहां तुम्हे वो सब मिलेगा जिसकी तुम्हे जरूरत थी....मॉम ,डैड , शैतान देवर और (मुस्कुराते हुए ) प्यारा हसबैंड...जो मेरी अवनी को हमेशा खुश रखेगा .....
अवनी - जी भैया ...
आदि - अच्छा अब चलो ...(दुःखी होते हुए ) निहारिका आंटी जी बुला रही विदाई का समय हो गया है ......
अवनी -मैं नहीं जा रही ......
(तभी खुशी आ जाती और कहती है )
खुशी - ओह हो मेरी जान
तू ना हो परेशान
तू जाएगी तभी तो मेरा जी लगेगा ...(हंसते हुए )
आदि - हु ..गलत बात
खुशी - अरे आदि भाई मै तो मजाक कर रही है .....मेरा बस चलता तो मै भी अवनी के साथ चली जाती ....
(तभी आनंद बीच मे ही )
आनंद - तो चलिए ना ..बस नहीं चल रही तो कार ही ले लेते है ..
खुशी - चुप करिए (धीरे से बिल्ले )
आनंद - क्या बोली आप .....एक बार फिर से .....
आदि - कुछ नहीं चुप रहो दोनो...और नीचे चलो ...
(फिर सब नीचे जाते है ...नीचे अवनी जब ऋषभ को देखती है तो उसे वो पूरी बाते याद आने लगती है जो ऋषभ ने कहा होता है तो वो उससे नजरे फेर लेती हैं और तभी निहारिका जी कहती है विदाई का समय हो गया है ......अवनी विदाई का नाम सुनते ही भागकर परी और विवेक को गले लगा लेती है और रोने लगती है तो विवेक कहता )
विवेक - ओह हो दीदी हम आपके साथ ही जा रहे है तो आप रो क्यों रही ....
खुशी - (मुस्कुराते हुए ) रो लेने दो भाई ...क्या पता आगे रोने का मौका ही ना मिले ...क्यों अवनी ?.
आनंद - बस बहुत खिचाई हो गई मेरी भाभी की ...
रिया - ओह हो वो हमारी बहन पहले है ...
अनन्या - चुप चुप बहुत बोल लिए सब ...जब देखो तो कहीं भी शुरू हो जाते हो ....जगह देखो ..कितने लोग है ...
अर्थ - कोई इसे घर में में बंद कर दो यार ...
( अनन्या ये सुन ... अर्थ को घूरने लगती है तो वो ...वहां से रफूचक्कर हो जाता है .......)
अवनी फिर बारी - बारी से सबसे गले मिलती है और आखिरी मे टोनी अंकल जी से गले मिलकर कहती है ,
अवनी - थैंक्यू सो मच अंकल जी ...मुझे हमेशा इतना प्यार देने के लिए .....मेरे नखरो को हमेशा सहने के लिए...
टोनी जी - (सर पर हाथ रखते हुए ) अरे अपनी बेटी से मुझे क्यों कोई शिकायत होगी ...और हमेशा खुश रहो ।
(फिर सभी ब्वॉयज़ अवनी का हाथ पकड़ते है और उसे कार मै बिठा देते है तो तभी ऋषभ ..निहारिका जी को इशारों से रूम मै बुलाता है और कहता है ,)
ऋषभ - मॉम ..अवनी जी मेरे घर जाएंगी ,
निहारिका जी - हां ..अवनी हमारे घर ही जाएगी ...
ऋषभ - मॉम मै अपने घर की बात कर रहा हूं डैड के घर की नहीं.....
निहारिका जी - मतलब आज फिर तुम्हारी बहस हुई है अनंत जी से...
ऋषभ - नहीं मॉम ( शांति से )
निहारिका जी - फिर ...
(तभी आनंद उन दोनो की बात सुनकर बीच मे ही आता और निहारिका जी के पास जाकर कहता है )
आनंद - ओह हो मेरी प्यारी मां कब समझेगी आप की अभी अभी भईया पर प्यार का भूत सवार हुआ है और शादी भी तो .....समझ रहे हो ना मै क्या....... कहने की कोशिश कर रहा हूं...
निहारिका जी - (मुस्कराते हुए ) ओह ...कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया है मेरा बेटा ....
आनंद - अपुन तो पैदाइशी ही था 😏
निहारिका जी -(ऋषभ से ) ठीक है बेटा ..ले जाओ अपनी दुल्हनिया को फिर ..
(फिर सब लोग नीचे आते है और ऋषभ कार में जाकर बैठ जाता तो आनंद कहता है , )
आनंद - भाई आराम से जाना ...ज्यादा जल्दी करने की जरूरत नहीं है ..
(ऋषभ कुछ नहीं कहता है .....)
आनंद - ओय साइलेंट मोड .....
( अब वो उसे घूरने लगता है और कहता है )
आनंद - (अवनी से ) हैप्पी वेडिंग भाभी जान
इस साइलेंट मोड को करना परेशान
ना करने देना इसे आराम
क्योंकि है नहीं इसका कोई काम ....
जय श्री राम उल्लू के पठे ( खडूस )
( अवनी ये सुन हल्का सा मुस्कुरा देती है और ऋषभ कार स्टार्ट करके वहां से निकल जाता है । उनके जाने के बाद निहारिका जी ..आनंद का कान मरोड़ देती है और कहती है ,
निहारिका जी - कितना परेशान करते हो तुम ...
आनंद - अरे मेरी मां ..जब देखो तो मेरा कान ही मरोड़ देती है ...आपको कान चाहीए ना ये लो ...(आनंद अपने कान के पास से कुछ निकाल कर निहारिका जी के हाथ में रख देता है और वहां से भागने लगता है...वहीं निहारिका जी 😲 शॉक होकर अपना हाथ देखती है और कहती है ये क्या था ....
निहारिका जी - हाय मेरे बेटे का कान ... 😲
आनंद - (हंसते हुए ) नकली है
(इतना कहकर वो वहां से निकल जाता है...)
निहारिका जी - (पीछे से ही )तुम कहा जा रहे हो ....(गुस्से में ) घर आयो बताती हूं फिर ...
...............
इधर कार में अवनी और ऋषभ बिल्कुल शांत होते है..... ...अवनी विंडो की तरफ मुंह करके बाहर का नजारा देखने में लगी होती है जो रात में काफी ज्यादा खूबसूरत लग रहा होता है की तभी ऋषभ कहता है ,
ऋषभ - अवनी जी ..
(अवनी कुछ नहीं कहती है और अपनी आंखे बंद कर लेती है तो.ऋषभ को लगता है कि वो सो रही है इसलिए वो कार की स्पीड बढ़ा लेता है और तभी अवनी के विंडो साइड से इतनी तेज मोटरबाइक निकलती है कि वो हड़बड़ा कर ऋषभ को कसकर पकड़ लेती है ....जिसकी वजह से ऋषभ भी हड़बड़ा कर तेजी से ब्रेक लगा देता है और पूछता है ,)
ऋषभ - क्या हुआ ?...आप ठीक तो है ..
अवनी - (ऋषभ से दूर होकर )जी
(अवनी फिर कुछ नहीं कहती है और ऋषभ कार स्टार्ट कर लेता है तो अवनी कहती है ,)
अवनी - ये हम कहा जा रहे है ?
ऋषभ - अपने घर .....
अवनी - (पीछे देखते हुए ) पर कोई आ क्यों नहीं रहा .....मॉम - डैड ,
ऋषभ - आप मेरे घर जा रही है ...
अवनी -( हैरानी से ) मतलब ....
(ऋषभ अब कोई जवाब नहीं देता है तो अवनी कुछ देर बाद देखती है कि कार उचाई वाली जगह पर चढ़ रही है.... ..दोनों तरफ उसे सिर्फ अंधेरा ही नजर आता है जिससे डर कर वो विंडो बंद कर देती है तो ऋषभ कहता )
ऋषभ - आपको डरने की जरूरत नहीं है यहां कोई भूत नहीं है ....
(अवनी मन में ही गुस्से में कहती है ( तुमसे बड़ा भूत कौन हो सकता है )
ऋषभ - कुछ कहा आपने ...
( इस बार अवनी कुछ नहीं कहती है और दूसरी तरफ मुंह कर लेती है ...थोड़ी देर बाद कार रुक जाती है ..ऋषभ फिर बाहर आकर अवनी की तरफ का डोर खोल देता है तो अवनी अपना लहंगा संभालते हुए बाहर आती है और अपने आपको एक खूबसूरत घर के सामने खड़ी पाती है ,
ऋषभ - चलिए
( अवनी वहां से हिलती भी नही है बस इधर उधर देखने लगती हैं तो ऋषभ उसका हाथ पकड़ लेता और चलने लगता है तो अवनी हड़बड़ा कर उसकी तरफ देखने लगती है और मन में ही कहती है (ये क्या नौटंकी है.....अपने आप को ये समझते क्या है ) दोनों फिर डोर के पास पहुंच जाते है ...अवनी ..ऋषभ से दूर खड़ी हो जाती है ......ऋषभ फिर डोर खोलता है और हैरानी से दोनों कहते है ,
अवनी - ऋषभ - तुम .
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शुक्रिया ।।
कौन होगा ?????आप लोग बताइए
Gunjan Kamal
31-Mar-2022 09:17 AM
Very nice
Reply
अफसाना
20-Feb-2022 03:56 PM
आनंद ही होगा..लग रहा
Reply
राधिका माधव
31-Jan-2022 12:59 PM
Kafi achcha likhti hai aap maam
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